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_aNISER LIBRARY _bENGLISH _cNISER LIBRARY |
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082 | 0 | 4 |
_a82-94 _bKUM-V |
100 | 1 | 0 | _aKumar, Dilip |
245 | 1 | 0 | _aवीर शहीदों की अमर गाथाएं / Veer shahidon ki amar gathayein |
260 |
_aNew Delhi: _bShivank Prakashan, _c2022. |
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300 | _avii, 271p. | ||
520 | _aलगभग 73 साल पहले, 15 अगस्त 1947 की ऐतिहासिक तारीख को भारत ब्रिटिश से मुक्त प्रभुत्व हो गया। यहा कई आदोलनों और संघर्षो की परिणति थी जो 1857 के ऐतिहासिक विद्रोह सहित ब्रिटिश शासन के समय में व्याप्त थे। यह स्वतंत्रता कई क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों के प्रयासों के माध्यम से हासिल की गई थी, जिन्होने सघर्ष को आयोजित करने का बीड़ा उठाया जिसके कारण भारत की स्वतंत्रता हुई। हालांकि वे विभिन्न विचारधाराओं से लेकर चरमपंथियों तक के थे, लेकिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान को हर भारतीय के दिमाग में अमर कर दिया गया है। भारत से अंग्रेजों को बाहर करने के संघर्ष में देश के हर कोने के लोगों ने भाग लिया। उनमें से कई ने भारत को अंग्रेजों के अत्याचारी शासन से मुक्त करने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। आइए हम कुछ महान हस्तियों पर एक नज़र डाले जिनके प्रयासों के बिना हम शायद आज भी ब्रिटिश शासन में होते और कुछ ऐसे वीरों के बारे में भी जिनके बारे में शायद ही दुनिया जानती है। हम कुछ ऐसे वीरों के बारे में भी जानेंगे जो धरती माता के लिए लड़ते लड़ते शहीद हो गए और परम वीर चक्र से पुरस्कृत किये गये हैं। परमवीर चक्र या 'पीवीसी सैन्य सेवा तथा उससे जुड़े हुए लोगों को दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च वीरता सम्मान है। यह पदक शत्रु के सामने अद्वितीय साहस तथा परम शूरता का परिचय देने पर दिया जाता है। 26 जनवरी 1950 से शुरू किया गया यह पदक मरणोपरांत भी दिया जाता है। | ||
650 | 0 | _aBiographies | |
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