प्रभावती / Prabhavati
Material type: TextLanguage: Hindi Publication details: New Delhi : Rajkamal Prakashan, 2016. Description: 192pISBN: 9788126714063Subject(s): Novel -- HindiDDC classification: 82-31 Online resources: Reviews Summary: महाकवि निराला के उपन्यास-साहित्य में प्रभावती एक ऐतिहासिक उपन्यासकृति के रूप में चर्चित है। इसका कथा-फलक पृथ्वीराज-जयचन्दकालीन राजाओं और सामन्तों के पारस्परिक संघर्ष पर आधारित है। इस संघर्ष का कारण प्रायः विवाह और कन्यादान हुआ करता था। प्रभावती भी, जो एक किलेदार की कुमारी है, एक ऐसे ही संघर्ष का केन्द्र है। लेकिन इस स्वाभिमानी नारी-चरित्र के पीछे निराला का उद्देश्य आधुनिक भारतीय नारियों में संघर्ष-चेतना का विकास करना भी रहा है। यही कारण है कि प्रभावती और यमुना-जैसे नारी-पात्र स्वयं खड्गहस्थ हैं और नैतिकता के लिए कोई भी बलिदान करने को सन्नद्ध हैं। वस्तुतः निराला के गहरे ऐतिहासिक बोध और कवि- कल्पना का इस उपन्यास में अद्भुत सम्मिश्रण हुआ है - ओज और माधुर्य का अपूर्व निर्वाह।Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode |
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Hindi Collection | NISER LIBRARY 1st Floor - Hindi Collection | 82-31 TRI-P (Browse shelf(Opens below)) | Available | 25531 |
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82-141 AGR-V व्यथा कहे पांचाली / Vyatha kahe panchali | 82-2 KAR-Y ययाति / Yayati | 82-3 RAI-K कोणार्क / Konark | 82-31 TRI-P प्रभावती / Prabhavati | 82-311.6 CHA-A आनन्द मठ / Anand Math | 82-311.8 GHO-P प्रकृति की तलाश में / Prakriti ki talash mein | 82-312.1 KAL-M मेरा भारत / Mera Bharat |
महाकवि निराला के उपन्यास-साहित्य में प्रभावती एक ऐतिहासिक उपन्यासकृति के रूप में चर्चित है। इसका कथा-फलक पृथ्वीराज-जयचन्दकालीन राजाओं और सामन्तों के पारस्परिक संघर्ष पर आधारित है। इस संघर्ष का कारण प्रायः विवाह और कन्यादान हुआ करता था। प्रभावती भी, जो एक किलेदार की कुमारी है, एक ऐसे ही संघर्ष का केन्द्र है। लेकिन इस स्वाभिमानी नारी-चरित्र के पीछे निराला का उद्देश्य आधुनिक भारतीय नारियों में संघर्ष-चेतना का विकास करना भी रहा है। यही कारण है कि प्रभावती और यमुना-जैसे नारी-पात्र स्वयं खड्गहस्थ हैं और नैतिकता के लिए कोई भी बलिदान करने को सन्नद्ध हैं। वस्तुतः निराला के गहरे ऐतिहासिक बोध और कवि- कल्पना का इस उपन्यास में अद्भुत सम्मिश्रण हुआ है - ओज और माधुर्य का अपूर्व निर्वाह।
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