भारत भाग्य विधाता / Bharat bhagya vidhata
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NISER LIBRARY 1st Floor - Hindi Collection | 323.2 KAL-B (Browse shelf(Opens below)) | Available | 25057 |
2014 में भारत में 16वीं लोकसभा का चुनाव हुआ। देशभर के मतदाताओं ने शासन और चुनावों से जुडे़ मुद्दों पर बहस की। यह पुस्तक ऐसे व्यक्ति ने लिखी है, जिसने राष्ट्रीय राजनीति को बहुत निकट से देखा है। यह पुस्तक ऐसा वैचारिक कथन है, जो हर नागरिक को पढ़ना और समझना चाहिए।
भारत के ग्यारहवें राष्ट्रपति, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिकीविद्, शिक्षक और विचारक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने देशभर का गहन दौरा किया है और करीब 1 करोड़ 70 लाख नौजवान भारतीयों से बात की है। उन्होंने अपने विस्तृत अनुभव और ब्योरों की बारीक जानकारी के आधार पर शासन के विभिन्न आयामों पर चर्चा की है और भारत के लिए एक विजन दिया है, जिसे साकार करने के लिए हर भारतीय ईमानदार और नैतिक रूप से श्रेष्ठ बने तथा कड़ा परिश्रम करे, ताकि हम विकसित भारत का लक्ष्य हासिल कर सकें।
डॉ. कलाम ने भ्रष्टाचार, शासन और जवाबदेही के मुद्दों केव्यावहारिक और चरणबद्ध समाधान भी प्रस्तुत किए हैं। आशावादी, प्रगतिशील और सकारात्मक सोच के साथ उन्होंने ऐसे भारत का स्वप्न देखा है, जो हर नागरिक के समग्र विकास से ही हासिल हो सकता है। इसमें विकास की समयबद्ध कार्ययोजना बताई गई है, जिसे हर नागरिक को आत्मसात् करना चाहिए। इससे वह अपने मताधिकार का इस्तेमाल सोच-समझ एवं विश्लेषणात्मक ढंग से करके भारत में वास्तविक परिवर्तन ला सकता है।
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