नोबेल पुरस्कृत भारतीय / Nobel puraskrit bharatiya
Material type: TextPublication details: New Delhi: Prabhat Paperbacks, 2022. Description: 166pISBN: 9789355213150Subject(s): Nobel Prize | Indian Nobel LaureateDDC classification: 06.05NOBEL(=21) Online resources: Reviews Summary: अल्फ्रेड नोबेल विश्वविख्यात आविष्कारक थे। उनका जीवन प्रेरक तथा अनुकरणीय है। जब वे अपने व्यवसाय के लिए यात्रा नहीं कर रहे होते थे, तब वे अपनी प्रयोगशाला में किसी-न-किसी नए आविष्कार की खोज में लगे रहते थे | विस्फोट की तकनीक के विकास में अल्फ्रेड ने अग्रणी भूमिका निभाई | इसके अतिरिक्त सिंथेटिक रबड़ और चमड़े तथा नकली रेशम जैसे कई प्रकार के पदार्थ एवं रसायनों को विकसित करने में उनकी उपलब्धि स्मरणीय है | अल्फ्रेड नोबेल का निधन 10 दिसंबर, 1896 को इटली के सैन रेमों में हुआ | जब उनकी वसीयत खोली गई तो हर कोई आश्चर्यचकित था । उन्होंने अपनी सारी संपत्ति को भौतिकी, रसायन, शरीर-क्रिया विज्ञान अथवा औषधि, साहित्य एवं शांति के लिए पुरस्कारों के नाम करने का निर्णय किया था | इसी क्रम में “नोबेल फाउंडेशन” की स्थापना हुई, जो अल्फ्रेड नोबेल द्वारा पुरस्कारों के लिए छोड़ी गई संपत्ति की वित्तीय देखभाल तथा नोबेल पुरस्कारों के वितरण का संयोजन भी करता है | नोबेल पुरस्कार की राशि लगभग सवा सात करोड़ रुपए है । किसी भी व्यक्ति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होना गर्व और गौरव की बात है | इस पुस्तक में ऐसे ही गौरवशाली भारतीय या भारतवंशियों के कृतित्व का परिचय संकलित है, जिनकी प्रतिभा और योग्यता का विश्वभर में जयघोष हुआ है ।हर भारतीय को गौरवान्वित करनेवाली अनुपम कृति |Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode |
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Hindi Collection | NISER LIBRARY 1st Floor - Hindi Collection | 06.05NOBEL(=21) ANA-N (Browse shelf(Opens below)) | Available | 24980 |
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001.3(540) OJH-P प्राचीन भारत में विज्ञान / Pracheen bharat mein vigyan | 004.7 CHA-Q क्वांटम कंप्यूटिंग और हमारा भविष्य / Quantum computing aur humara bhavishya | 06.05NOBEL(=21) ANA-N नोबेल पुरस्कृत भारतीय / Nobel puraskrit bharatiya | 316.344.23 KHA-E एक देश बारह दुनिया / Ek desh barah duniya | 316.422.44 KAL-M मेरे सपनों का भारत / Mere sapanon ka bharat | 316.7 NAR-N आदिवासी लोक-समाज : कुछ अनुभव, कुछ अनुभूति / Adivasi lok-samaj : kuch anubhav, kuch anubhuti |
अल्फ्रेड नोबेल विश्वविख्यात आविष्कारक थे। उनका जीवन प्रेरक तथा अनुकरणीय है। जब वे अपने व्यवसाय के लिए यात्रा नहीं कर रहे होते थे, तब वे अपनी प्रयोगशाला में किसी-न-किसी नए आविष्कार की खोज में लगे रहते थे | विस्फोट की तकनीक के विकास में अल्फ्रेड ने अग्रणी भूमिका निभाई | इसके अतिरिक्त सिंथेटिक रबड़ और चमड़े तथा नकली रेशम जैसे कई प्रकार के पदार्थ एवं रसायनों को विकसित करने में उनकी उपलब्धि स्मरणीय है | अल्फ्रेड नोबेल का निधन 10 दिसंबर, 1896 को इटली के सैन रेमों में हुआ | जब उनकी वसीयत खोली गई तो हर कोई आश्चर्यचकित था । उन्होंने अपनी सारी संपत्ति को भौतिकी, रसायन, शरीर-क्रिया विज्ञान अथवा औषधि, साहित्य एवं शांति के लिए पुरस्कारों के नाम करने का निर्णय किया था | इसी क्रम में “नोबेल फाउंडेशन” की स्थापना हुई, जो अल्फ्रेड नोबेल द्वारा पुरस्कारों के लिए छोड़ी गई संपत्ति की वित्तीय देखभाल तथा नोबेल पुरस्कारों के वितरण का संयोजन भी करता है | नोबेल पुरस्कार की राशि लगभग सवा सात करोड़ रुपए है । किसी भी व्यक्ति के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होना गर्व और गौरव की बात है | इस पुस्तक में ऐसे ही गौरवशाली भारतीय या भारतवंशियों के कृतित्व का परिचय संकलित है, जिनकी प्रतिभा और योग्यता का विश्वभर में जयघोष हुआ है ।हर भारतीय को गौरवान्वित करनेवाली अनुपम कृति |
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